ऐसे ही मन के विचारों को कविता में बाँधा है, जो छू जाये मन को,ऐसा लक्ष्य साधा है। ऐसे ही मन के विचारों को कविता में बाँधा है, जो छू जाये मन को,ऐसा लक्ष्य साधा है।
नहीं है झुकना। कोशिश है करना। कामयाबी को हासिल है करना। नहीं है झुकना। कोशिश है करना। कामयाबी को हासिल है करना।
तुम प्रेम के बिछौने, तुम नेह की हो चादर तुम छड़ी समीक्षा की,अनुशासन का हो दफ्तर तुम प्रेम के बिछौने, तुम नेह की हो चादर तुम छड़ी समीक्षा की,अनुशासन का हो दफ्तर
रात के समंदर सा शांत, मैं अपनी हद में हूँ। रात के समंदर सा शांत, मैं अपनी हद में हूँ।
आपनी तो जिंदगी हो गई है, अब धूल धाणि हो गई ! आपनी तो जिंदगी हो गई है, अब धूल धाणि हो गई !
मेरे गाँव से ही नहीं उसे मेरे देश से भी भागना पड़ेगा ! मेरे गाँव से ही नहीं उसे मेरे देश से भी भागना पड़ेगा !